Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -19-Apr-2023 अपनी अपनी तकदीर



                        अपनी अपनी  तकदीर

                        

             "   विपिन जब आफिस से घर आया तब रिया के सिर पर पट्टी बंधी देखकर वह घबडा़ गया। और वह अपनी पत्नी से पूछने लगा,"  जानकी ! रिया को क्या हुआ ? उसके सिर पर पट्टी क्यौ बांध रखी है ? "

      "  रिया बैड से नीचे गिर गयी और उसकेसिर में मामूली सी  चोट लग  गयी है।" जानकी ने विपिन को बताया।

        जानकी तुम रिया का ध्यान क्यौ नहीं रखती हो  पूरे दिन घर में रहती हो  ?  मेरी समझ में नहीं आता है कि तुम पूरे दिन क्या करती हो ? "  विपिन जानकी पर गुस्सा करता हुआ बोला।

      " क्या करती हूँ मेरे लिए महारानी  का पलंग डाल रखा  है उस पर पूरे दिन सोती रहती हूँ। घर में काम ही इतना है कि मै उसकी तरफ ध्यान ही नहीं देपाती हूँ। आपसभी ने तो न काम करने की लकीर खीच दी है  और ऊपर से पूछते हो पूरे दिन मै क्या करती हूँ।" जानकी शिकायत करते हुए बोली।

         "भैया ठीक ही तो पूछ रहे है ? आप पूरे दिन क्या करती हो जो रिया की देखभाल नही कर सखती हो ?" , जानकी की ननद सिया पूछने लगी।

          "बाह दीदी आपने भी सही कहा मै करती क्या हूँ ? सुनो मै क्या करती हूँ मै पांच बजे उठती हूँ सबसे पहले तुम तीनौ को बैड पर ही बैड टी देती हूँ। वह भी तीनौ की अलग आलग टाइप की किसी को मीठी तो किसी को फीकी चाहिए। उसके बाद तुम सब का नाश्ता तैयार करती  हूँ।

      नाशता सभी को अलग अलग चाहिए किसीको ब्रैड पकौडा़ तो  किसी को आलू के पराठे ? किसी को दही के साथ खाने है तो किसीको चाय के साथ ? सभी की फरपाईस पूरी करनी है। नाश्ते के बाद आप दोनौ का टिफिन तैयार करना होता है।

        आप तो आफिस चले गये सिया अपने कालेज और मम्मी जी अपनी सहेलियौ के पास चली जाती है। मुझे उसके बाद रिया को कुछ खिलाती हूँ। फिर आप सभी के कपडे़ धोना । तबतक एक बज जातक्य है फिर से खाने की तैयारी  करनी होती है । अपनी चाय व नाश्ते का कोई समय नही है। 

      रिया को नहाकर कुछ खिलाना और सुलाना  होता है। उसके पुनः शाम की चाय उसके बाद खाने की तैयारी। इस तरह सब करते हुए रात के दस बजते है।

    इतना करने के बाद भी आप सब पूछते हो मै करती क्या हूँ ? मेरी तो तकदीर ही खराब है। मम्मीजी को अपनी बेटी का काम तो नजर आजाता है।  मेरा काम तो आप  किसी को  भी नजर नहीं आता है। "  इतना कहकर जानकी अन्द चली गयी।

      विपन सिया व उनकी मम्मी को सोचने के लिए छोड़गयी। वह तीनौ एक दूसरे के चेहरे देख रहे थे।

                  विपिन चुप्पी तोड़ते हूए बोला " मम्मीजी जानकी  सच खह रही थी । वह मशीन की तरह लगी रहती है। हमने कभी भी यह नही  सोचा कि वह खाना कब खाती है चाय कब पीती है। हम एक गिलास पानी भी स्वयं नहीं ले सकते है   उसको ही आवाज लणाते है। हम सभी को आज से उसकी हैल्प करनी चाहिए। हमें अपने अन्दर के ईगो को  दबन करना होगा कि यदि हम बहू की सहायता क्यौ करें  हमारी सेवा करना  उसका फर्ज है?   मम्जी आज के बाद रिया की सम्भालने की आपकी जिम्मेदारी है।  सिया तुम्हें भी कालेज से आने के बाद जानकी की  हैल्प करनी होगी। आज के बाद मै भी अपने काम स्वयं करूँगा। "

          मम्मीजी व सिया ने आज जानकी की हैल्प करने की कसम ली। आज जानकी  के चेहरे पर खुशी थी कि बहुत समय बाद उसकी परेशानी उनकी समझ में आई थी। आज उसे अपनी तकदीर बदलती नजर आरही थी।

आज की दैनिक प्रतियोगिता हेतु रचना।
नरेश शर्मा " पचौरी "
 

   20
7 Comments

Gunjan Kamal

23-Apr-2023 08:00 PM

👏👌

Reply

वानी

20-Apr-2023 09:34 AM

सुंदर लेख

Reply

Punam verma

20-Apr-2023 09:28 AM

Very nice

Reply